लेखनी कहानी -01-Sep-2022 सौंदर्या का अवतरण का चौथा भाग भाग 5, भाग-6
६- सासु मां का प्यार -
शाम ढल रही थी। श्रेया रसोई घर में जाकर चाय बनाना चाहती थी। परंतु सासू मां ने उसे रसोई भी नहीं जाने दिया और आराम करने को कहा सासु मां ने जाकर रसोई में चाय बनाई और सभी को चाय पिलाई। श्रेया चाय पी कर कुछ अच्छा महसूस कर रही थी। अभी तो सभी श्रेया को हाथों हाथ रख रहे थे। इतना प्यार तो शायद उसे कभी अपने मायके में नहीं पाया था। जितना प्यार उसे ससुराल में मिल रहा था। इस समय उसे अपने मायके की बिल्कुल याद नहीं आती थी। कभी-कभी उसकी मां का फोन आता तो श्रेया उनसे बात कर लेती थी। और मां से बात करते समय वह अपना एक एक अनुभव एक एक कर मां को गिनाती। मां भी उसके सुखद एहसास को सुनकर बहुत खुश होती है और स्वस्थ बच्चे को जन्म देने की कामना करते हुए अपनी बेटी को दुआएं देती है।
श्रेया की मां श्रेया को बहुत सारी हिदायतें देती जो श्रेया के जन्म के समय मां को दी गई थी और मां ने उनका अनुकरण किया था। श्रेया बहुत ध्यान से मां की बातों को सुनती और अपने जेहन में उतार लेती थी क्योंकि वह भी एक अच्छी मां बनना चाहती थी श्रेया की मां बहुत ही होशियार और पढ़ी-लिखी महिला थी। वह एक विद्यालय में शिक्षिका भी थी। दुनिया की रीति रिवाजों और आडंबरों को बहुत अच्छे से समझती थी।जिनसे अपनी बेटी को अवगत कराना उनका फर्ज बनता था। इसलिए वह श्रेया को अच्छी बुरी बातों से अवगत कराती कि उसके लिए क्या अच्छा है क्या बुरा है। और उसको क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए। यह सारी बातें श्रेया को बहुत ही संबल प्रदान करती थी और वह अपने आप को मजबूत महसूस करती थी। मां की बातें सुनकर आज श्रेया को महसूस हो रहा था। कि मां बनना एक औरत के लिए कितने गर्व की बात है जब श्रेया की मां पहले कभी समझाती थी।तब श्रेया को उनकी बातें कुछ ज्यादा अच्छी नहीं लगती थी लेकिन आज जब वह खुद मां बनने वाली है। तो उसको अपनी मां की कही हुई बातें शत- प्रतिशत बहुत ही सही और अच्छी लग रही हैं। मां की नसीहतें तो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी। क्योंकि बेटी को मां बनते देख आज आखिर मैं भी बहुत खुश है। उसके हृदय में भी खुशियों के पुष्प पल्लवित हो रहे हैं। आखिर क्यों ना हो, वह भी तो नानी बनने वाली है।
तब तक श्रेया को मां के घर से एक आवाज सुनाई देती है कि मां क्या आप दीदी से बात कर रही हैं। मैं भी दीदी से बात करूंगी। इतना सुनते ही मां फोन भाभी को पकड़ा देती है। श्रेया और उसकी भाभी आपस में बातें करते हैं। श्रेया की भाभी श्रेया को छेड़ते हुए कहती है और दीदी बेबी के आने से कैसा लग रहा है। श्रेया शरमा जाती है। और श्रेया भाभी को कुछ आपबीती बताती है। श्रेया की भाभी अपनी ननद को शुभकामनाएं देती हुए और कुछ बताना चाहती है। क्योंकि श्रेया की भाभी अभी जल्दी में मां बन चुकी है। उसका एक छोटा सा बच्चा है। ऐसी हालत में क्या करना है कैसे करना है। श्रेया की भाभी ने श्रेया को समझाया कि दीदी घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसे समय पर थोड़ी घबराहट होती है लेकिन सब कुछ ठीक हो जाता है। धैर्य धारण करने की जरूरत है।अब श्रेया को काफी संभल मिल चुका था। पहले मां ने समझाया। फिर भाभी ने समझाया और भाभी ने फोन पर अपने छोटे बच्चे की आवाज भी सुनाई।जिसे सुनकर श्रेया का मन आनंदित हो गया। उसे ऐसे लगा जैसे उसका अपना बच्चा ही बोल रहा है। और श्रेया बच्चे की आवाज सुनकर बहुत खुश हुई। उसके मन में गुदगुदी होने लगे उसके अंदर का ममत्व अब जाग उठा।
कमरे में लगी छोटे छोटे प्यारे प्यारे शिशुओं की तस्वीरें से उसे आवाजें आने लगी। उसे ऐसे लगता कि कभी कोई तस्वीर कभी कोई तस्वीर उसे मां-मां कहकर पुकार रही है। उसके कान में मां का शब्द गूंज रहा था। हर आवाज-ए-एहसास के साथ श्रेया तस्वीर की तरफ देखती कि कौन सी तस्वीर से आवाज आ रही है।पर तस्वीरें तो कभी नहीं बोलती, ये तो उसके दिल का एहसास था। उसके अंदर का ममत्तव था जो उसे यह सुखद एहसास करा रहा था। मैं उसे जी कर मन ही मन बहुत खुश हो रही थी। अचानक कमरे में श्रवन आता है। और श्रेया को इतना खुश देख कर उसकी खुशी का कारण पूछता है। तब श्रेया श्रवण को बताती है, कि अभी मां और भाभी का फोन आया था। उन्होंने मुझे बहुत सारी बातें बताई और भाभी ने अपने बच्चे की आवाज भी सुनाई। जिसे सुनकर मेरे मन में मेरे बच्चे की आवाज का आभास होने लगा । और अब तो ऐसा लग रहा है कि यह सारी तस्वीरों से बच्चों की आवाजें आ रही हैं जिन्हें सुनकर मैं बहुत ही सुखद अनुभव कर रही हूं।
Gunjan Kamal
26-Sep-2022 05:34 PM
बहुत ही सुन्दर
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Priyanka Rani
06-Sep-2022 06:04 PM
Nice post
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Kaushalya Rani
06-Sep-2022 05:41 PM
Nice post
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